Swadeshi Manch wants FDI in Ecommerce retracted
This post is from Dilip Kumar ji who is the coordinator of Swadesh Jagaran Manch Circle. I am sharing this here as this manch which Govt listens to is campaigning for stopping FDI investment in eCommerce. With demonetisation, such campaigns will only grow as local retailers will see more business decline. Please evaluate this so interests of all are kept in mind.
ई-कामॅर्स और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों एवं खाद्य मार्केटिंग में विदेशी निवेश वापिस हो!
स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय परिषद सरकार द्वारा ई-कॉमर्स और खाद्य प्रसंस्करण एवं खाद्य वस्तुओं के विपणन में विदेशी निवेश को अनुमति के लिए क्षोभ एवं विरोध प्रकट करती है। ज्ञात हो कि ई-कॉमर्स में कई विदेशी कंपनियां लंबे समय से गैर कानूनी रूप से कार्यरत है।
स्वदेशी जागरण मंच सरकार को निरंतर चेतावनी देता रहा है कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां और विदेशी पूंजी प्राप्त पूर्व में भारत में निर्मित कंपनियां अपनी आर्थिक शक्ति का दुरूपयोग करते हुए, हिंसक कीमत नीति के माध्यम से (देश से थोक और खुदरा दोनों प्रकार के) छोटे-बडे व्यापारियों, पुस्तक विक्रेंताओं, दवा विक्रेताओं और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों को प्रतिस्पर्धा से बाहर करने का काम कर रही हैं। ई-कॉमर्स में विदेशी निवेश कानूनी रूप से प्रतिबंधित रहा है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर ई-कॉमर्स कंपनियों को कार्य करने दिया जा रहा है। यह कहा गया है कि विदेशी कंपनियां वास्तव में ई-कॉमर्स कर ही नहीं रही हैं, वे तो केवल ‘मार्केट प्लेटफार्म’ उपलब्ध करा रही हैं और विक्रेताओं को अपनी वेबसाइटों के माध्यम से सामान बेचने का अवसर दे रही हैं।
स्वदेशी जागरण मंच ने हमेशा से ही कहा है कि चूंकि यह कंपनियां अपनी आर्थिक शक्ति के बलबूते, भारी छूट (डिस्काउंट) देती हैं और कई मामलों में स्टॉक भी करती हैं, इसलिए यह कहना कि ये कंपनियों ई-कॉर्मस नहीं करती हैं, वास्तव में सही नहीं हैं। गैर कानूनी रूप से काम करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियां टैक्स चोरी भी करती रही हैं, जिसके संबंध में कई मामलों में जांच भी चल रही हैं। इस बारे में सरकार से अपेक्षा थी कि वह इनको प्रतिबंधित करेगी। लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार ने अब इन विदेशी कंपनियों को मान्यता देते हुए ई-कॉमर्स में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को अनुमति प्रदान कर दी है। यानि कानून तोडने वालों को पुरस्कृत किया गया है, यह उचित नहीं है।
हालांकि सरकार का कहना है कि ई-कॉमर्स में विदेशी निवेश को अनुमति केवल ‘मार्क्रेट प्लेटफॉर्म’ मॉडल के लिए है और कंपनियों को छूट देकर कीमतों को प्रभावित करने के लिए रोक लगाई गई है। लेकिन स्वदेशी जागरण मंच का यह मानना है कि इस संबंध मेंं विदेशी कंपनियों के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को नियंत्रित करने के प्रावधान नहीं हैं।
सर्वविदित है कि स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं के प्रयास से खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के विरोध में एक राष्ट्रीय आंदोलन खडा हुआ और उसके चलते धोखे से संसद में कानून पारित होने के बावजूद कोई बड़ा विदेशी निवेश खुदरा क्षेत्र में नहीं हो पाया। स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय परिषद यह स्मरण करवाना चाहती है कि वर्तमान में केन्द्र में एन.डी.ए. सरकार नेतृत्व कर रही है, भारतीय जनता पार्टी ने खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश के खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया था और अपने चुनाव खोषणा पत्र में भी यह वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद विदेशी निवेश को अनुमति देने वाले कानून को बदला जायेगा। लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि कानून को तो बदला नहीं गया, लेकिन खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) में विदेशी निवेश आकृष्ट करने के नाम पर खाद्य प्रसंस्करण और देश में उत्पादित खाद्य पदार्थों के विपणन में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को अनुमति प्रदान कर दी है।
सरकार का यह कदम न केवल लघु-कुटीर क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए घातक सिद्ध होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार निर्माण के महत्वपूर्ण अवसर को भी गंवा देगा। वास्तव में यदि सरकार ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की आमदनी को दुगना करना चाहती है तो उसके लिए ग्रामीण स्तर पर विकेन्द्रित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने होंगे और गांवों में ही रोजगार का निर्माण करना होगा। यही नहीं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और खाद्य मार्केटिंग में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को अनुमति, खाद्य पदार्थों में एकाधिकार को बढ़ावा देगा।
स्वदेशी जागरण मंच की यह राष्ट्रीय परिषद मांग करती है देश में छोटे व्यापारियों, लघु उद्योगों और किसानों के हितों के संरक्षण हेतु सरकार ई-कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण अैर मार्केटिंग में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को अनुमति देने वाले अपने निर्णयों को वापिस ले। स्वदेशी जागरण मंच की यह राष्ट्रीय परिषद सरकार को चेतावनी देती है कि वह इस प्रकार के निर्णयों से बचे। राष्ट्रीय परिषद अपने सभी सहयोगी संगठनों सहित सभी कार्यकर्ताओं का आवाह्न करती है कि सरकार के इन निर्णयों के विरोध में व्यापक जन जागरण करें।
This is what we have to pay for. Our ignorance is DANGEROUS. Kare koi bhare koi. Khaye SARKARI bank babu, bharein ham. Scores of lacs of actual NPAs estimated, to be revealed from time to time and govt banks to be gradually bailed out from PUBLIC MONEY who paid direct and indirect taxes and suffering this Demonetization drive to fill the damage caused by the Bank babus by pro quo lending and NPAs. Mallya being the mask under which all the lakhs of crores of NPAs hidden. His is only 9 thousand crores and his assets much more than that worth from which can be covered. Mallya game a part of this NPA Scam. BANKS ARE NOW CASH STRAPPED & NEED CASH, HENCE THESE TYPE TACTICS AS DFEMONETIZATION. "Poora hisab do" drive.. Mallya took only 9 thousand crores, how about Lacs of crores and hiding it under the Bank babus puppet Mallya, to hide this NPAs scam:- सेवा में, माननीय सम्पादक / ब्यूरो प्रमुख/निदेशक महोदय, दैनिक समाचार पत्र / न्यूज़-चैनल & To All Indian Citizen आदरणीय महोदय, 19 नवम्बर 2016 को समय 12.00 बजे,से जंतर मंतर नई दिल्ली में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ऋण पे निर्णय लेने वाले भ्रष्ट बाबुओं के भ्रष्ट्राचार के खिलाफ एवं अछछे कर्मियों के बचाव हेतु निजीकरण के खिलाफ, एन. पी. ए. करने वाले बैंक में छुपे भ्रष्टों से समस्त भारतीय जनता के जागरण एवं बचाव के लिए धरना प्रदर्शन l कार्यक्रम विवरण आयोजक : आल इन्डिया ह्यूमन राइट्स एसोसिएशन ( एहरा ) दिनांक : 19-11-2016 दिन : शनिवार समय : 12.00 बजे l स्थान : जंतर मंतर नई दिल्ली l आपसे सादर अनुरोध है कि उपरोक्त कार्यक्रम के कवरेज हेतु आप अपने समाचार-पत्र / न्यूज़ चैनल की ओर से अपने सम्मानित छायाकार/ संवाददाता / कैमराटीम/ फोटोग्राफर/ रिपोर्टर को भेजकर कार्यक्रम के उद्देश्य को अपने माध्यम से विश्व की जनता तक पंहुचाने की कृपा करे l सादर, हुसैन अहमद 91- 7071056353 Email: hussainconven@gmail.com www.aihra.org PS Main delegation reaching 20-11-16
Nov 18
swadeshi people should learrn from edible oil and steel business....p c k sharma 9390036900 2016-11-17 10:31 GMT+05:30 Azam Yusuf : >
Nov 17
GOVT WANTS TI APPEASE FOREIGN TRADING COMMUNITY & FOR THIS END INSTEAD OF FRAMING PROPER APPROACH ALWAYS AD HOC DECISIONS ARE TAKEN WITHOUT TAKING INTO ACCOUNT IMPACT ON THE ECONOMY. SEVERAL INDIAN INDUSTRIAL HOUSES HAVE SET UP THEIR FACTORIES IN CHINA REASON BEING THE LABOUR IS CHEAPER & MINIMUM APPROVALS ARE REQUIRED IN CHINA & OTHER CONDITIONS GOVERNING THE TRADE PRACTICES THERE ARE JUST IGNORED WHEN IT COMES TO LAB-OUR SCENARIO IN INDIA THE MANUFACTURES HERE ARE EMPLOYING THE AGE OLD PRACTICES TREATING THE WORKFORCE NEAR SLAVERY LEVEL TAKE EXAMPLE OF CHINESE PRODUCTS SELLING IN RETAIL MARKET AT A PRICE LOWER THAN MANUFACTURING COST BY OUR FACTORIES THESE THINGS REQUIRES SOME REMEDIAL MEASURES TO INSTILL CONFIDENCE IN THE INDIAN MINDS TO BRING ABOUT BASIC CHANGES IN OUR APPROACH
Nov 17
Dear Mr. Azam Yusuf, your views are it difficult to understand correctly, may be due to some places typographical errors. Any way, let me tell you I have written to the commerce ministry almost two years back on many issues related to reduce dependency on import as well as make in INDIA-start up- in true spirit. Lot of stress in put on food processing industry and attracting foreign investment. But contrary to that the swadeshi manch simultaneously protesting along with some activists opposing vehemently on the inviting or allowing foreign investment in retail sector. So to say we are never on same platform in our country, The party politics always prevails upon any action or steps taken by any ruling party, there is no NATION any where. So how the outsiders, who wish to enter the Indian market can feel confident and safe? and among the politicians our country is not first but their wasted interest and spreading HOAX is the prime concern and interest. Here one member just above and many others always says" IT SHOULD BE LIKE THIS OR THAT" THEY ALL FORGET "SHOULD " NEVER EVER HAPPENS IN THE WORLD. If some member is interested I can give him the details what I wrote to the commerce ministry and what was their reply thru their mail id. Thanks. Jai Hind
Nov 17
In the situation where trade restrictions are being reduced all over the world, Bharat can not take such rigid stands as proposed by Swadeshi Manch. Our small business need to improve their efficiency to compete with world trade. There are many opportunities for our Bhartiya business community even after retail FDI. Our retail shops should also start Home Delivery, credit facility to regular customers, better management of stock through use of computers etc etc.
Nov 17