Diabetes, It's Types and Treatment
अक्सर ये देखा गया है। शरीर की अग्न्याशय में इंसुलिन का स्त्राव कम होने के कारण खून में ग्लूकोज का स्तर नार्मल से ज्यादा बढ़ जाता है। तो ऐसी स्थिति को मधुमेह/डायबिटीज कहा जाता है। खासतौर पर इंसुलिन का काम भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। ये इंसुलिन पाचक ग्रन्थि द्वारा बनता है। अगर हमारे शरीर में ये इंसुलिन (हार्मोन) ना हो। तो हमारा शरीर शुगर की मात्रा को कण्ट्रोल नहीं कर सकता। और ऐसी परिस्थिति में हमारे शरीर को भोजन से जरुरी ऊर्जा लेने में काफी परेशानी होती है। जब हमारे शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ता रहता है। तो ऐसी स्थिति में वो शरीर के कई अंगों को हानि पहुँचाना शुरू कर देते हैं। जैसे कि हृदय, मस्तिष्क, आंखे, गुर्दे और धमनियां आदि। जिसका असर शरीर के इन सभी अंगों पर अधिक मात्रा में पड़ता है।
डायबिटीज के प्रकार : TYPES OF DIABETES
वैसे तो डायबिटीज छः प्रकार की होती है लेकिन ज्यादातर लोग डायबिटीज के इन दो प्रकारों से ज्यादा ग्रसित रहते हैं। और वो हैं – टाइप वन डायबिटीज और दूसरी टाइप टू डायबिटीज। तो चलिए जानते हैं की क्या हैं ये टाइप वन और टू डायबिटीज :
Type 1 Diabetes :-
इस प्रकार की डायबिटीज अधिकतर कम उम्र के लोगों में पाई जाती है। जैसे कि जो लोग कम से कम 20 वर्ष से कम के होते हैं। उन लोगों में ये टाइप एक डायबिटीज पाई जाती है। जब इसमें हमारी अग्न्याशय इंसुलिन नहीं बना पाती तब टाइप एक डायबिटीज की शुरुआत होती है। और जब ये समस्या उत्पन्न हो जाती है। तब रोगी को अपने शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा नार्मल रखने के लिए इंसुलिन के इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं .
Type 2 Diabetes :-
सही मायनों में अगर कहा जाए तो दुनिया भर में ज्यादातर लोग इसी डायबिटीज से ग्रसित हैं। क्योंकि इसके होने का कारण ये है कि शरीर के अंदर इंसुलिन का निर्माण तो होता है। लेकिन वह शरीर की आवश्यकता के अनुसार नहीं होता है। जिस कारण टाइप दो डायबिटीज की शुरुआत होती है और फिर वह व्यक्ति इस बीमारी से ग्रस्त हो जाता है।
मधुमेह मेलिटस : DIABETES MELLITUS
डायबिटीज का वास्तविक नाम डायबिटीज मेलिटस है, यानि कि ये एक बिमारी है। जिसे ज्यादातर लोग मधुमेह/डायबिटीज के नाम से जानते हैं। जिसके अनुसार खून में शुगर की मात्रा जितनी होनी चाहिए उतनी नहीं होती बल्कि कम होती है। और यही खून में शुगर की कम मात्रा का होना डायबिटीज मेलिटस कहलाता है।
डायबिटिक न्युरोपेथी : DIABETIC NEUROPATHY
मधुमेह न्यूरोपैथी (डायबिटीज स्नायुरोग) मधुमेह मेलिटस से जुड़ा एक न्यूरोपैथिक विकार है। मधुमेही न्यूरोपैथी का असर सभी परिधीय नसों ,दर्दकारी फाइबर, मोटर न्यूरॉन्स, ऑटोनोमिक नसों पर पड़ता है। इसलिए ये आवश्यक रूप से सभी अंगों और तंत्रों को प्रभावित कर सकता है। क्योंकि सभी आपस में तंत्रिकाओं के माध्यम से जुड़े होते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से में असामान्य संवेदना,अतिसार, लैंगिक निष्क्रियता आदि इसके लक्षण हैं।
डायबिटीज के लक्षण : DIABETES SYMPTOMS
वैसे तो बहुत से ऐसे लक्षण है जो डायबिटीज से ग्रस्त रोगी में देखे जाते हैं। लेकिन उसमे से कुछ चुनिंदा लक्षण ये हैं। जो अक्सर मधुमेह ग्रस्त प्रत्येक रोगी में देखने को मिलते हैं। और वो मधुमेह के लक्षण (symptoms of sugar) हैं :
पेशाब का बार-बार आना
कोई भी चोट या जख्म देरी से ठीक होना
त्वचा पर बार-बार फोड़े-फुंसियों का निकलना और त्वचा इन्फेक्शन ग्रसित रहना
डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति के हाथ-पैर और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्मों का बनना
हृदय गति अनियमित होने का खतरा बने रहना और चक्कर आना
किडनी का ख़राब हो जाना
मधुमेह के क्या कारण हैं : WHAT CAUSES DIABETES
शारीरिक श्रम ना करना
दवाइयों का सेवन ज्यादा करना
मानसिक तनाव और डिप्रेशन में रहना
अत्यधिक मात्रा में चाय, कोल्ड्रिंक और चीनी वाले भोजन का सेवन करना
मोटापा :- जो व्यक्ति अधिक मात्रा में जंक-फ़ूड का इस्तेमाल करते हैं,उन लोगों में ये बीमारी ज्यादा पाई जाती है , क्योंकि जंक-फ़ूड के कारण शरीर में केलोरीज़ की मात्रा बढ़ जाती है। और मोटापा बढ़ता जाता है। जिसकी वजह से इंसुलिन शरीर में उस मात्रा में नहीं बन पाता है जिसकी वजह से शरीर में शुगर लेवल में बढ़ोतरी होने लगती है।
डायबिटीज स्तर की जांच : CHECK SUGAR LEVEL
डायबिटीज की जांच के लिए मुख्यतः दो चीजों की जाँच की जाती है खून की या मूत्र की। जिसके जरिये ये पता लगाया जाता है कि रोगी के शरीर में मधुमेह की मात्रा कितनी है
डायबिटीज की जांच को भी दो हिस्सों में बांटा गया है। एक खाली पेट और दूसरा खाना-खाने के बाद की जाती है।
खाली पेट जांच :- खाली पेट एक नार्मल इंसान का शुगर लेवल (normal blood sugar level) 80-120 mg/dl होता है। और यही शुगर लेवल यदि किसी इंसान में 120-140 mg/dl हो तो डायबिटीज की शुरुआती स्टेज मानी जाती है। और यही लेवल अगर 140 mg/dl से ज्यादा हो तो आखरी स्टेज मानी जाती है।
खाना खाने के बाद जांच :- खाना खाने के 2 घंटे बाद जो जाँच कराई जाती है। उसका नार्मल शुगर लेवल 120-125 mg/dl होता है। यदि शुगर लेवल 145 mg /dl से अधिक है। तो ये डायबिटीज की निशानी है। और माना जाता है की इस लेवल को पार करते के साथ ही वह व्यक्ति डायविटीज का शिकार हो जाता है।
डायबिटीज में उपयोगी आहार : SUGGEST DIABETIC DIET
इस बिमारी से ग्रस्त रोगी के लिए तेल, मिर्च-मशाले रहित व करेले की सब्जी निरंतर खाते रहना लाभकारी है।
फलों में जामुन, मौसमी, संतरा आदि का सेवन थोड़े-थोड़े नमक के साथ कर सकते हैं
अगर रोगी चाहे तो घी, मक्खन, पनीर, लौकी, करेला, बैंगन, परवल, मूली, पालक, और ताजी हरी-सब्जियों का सेवन कर सकता है।
मधुमेह के घरेलू उपचार (DIABETES TREATMENT AT HOME) :
पान के साथ जस्ता खाना भी मधुमेह नाशक है।
नीम के छाल का काढ़ा पीना भी मधुमेह नाशक औषधि है।
5 ग्राम महुआ की छाल और 1 ग्राम काली मिर्च दोनों को मिलाकर जल के साथ पीने से डायबिटीज धीरे-धीरे ख़त्म होती है।
40 ग्राम हरी गिलोय, 6 ग्राम पाषाण भेद और 6 ग्राम शहद तीनों को मिलाकर लगभग एक माह निरंतर पीयें। समय उपरांत मधुमेह जड़ से नष्ट हो जायेगा।
2 तोला बेल की ताज़ी हरी पत्तियां और 11 नग काली मिर्च को एक साथ पीसकर हर रोज पीने से मधुमेह रोग नष्ट हो जाता है।
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